यक्ष प्रश्न !! कौन हूं मैं ? तुम ना ये शरीर हो, ना मन, ना बुद्धि , तुम शुद्ध चेतना हो, वो चेतना ही सर्व साक्षी है जीवन का उद्देश्य क्या है ? जीवन का उद्देश्य उसी चेतना को जानना है, जो जन्म और मरण के बंधन से मुक्त है । उसे जानना ही मोक्ष है । जन्म का कारण क्या है ? अतरिक्त वासनाएं, कामनाएं और कर्मफल, यही जन्म का कारण है । जन्म और मरण के बंधन से मुक्त कौन है ? जिसने स्वयं, उस आत्मा को जान लिया । वह जन्म और मरण के बंधन से मुक्त है । वासना और जन्म का संबंध क्या है ? जैसी वासना वैसा जन्म, यदि वासनाएं पशु जैसी तो पशु योनि में जन्म , यदि वासनाएं मनुष्य जैसी तो मनुष्य योनि में जन्म !! संसार में दुख क्यों है ? लालच, स्वार्थ और भय संसार में दुख के कारण है ईश्वर ने दुख की रचना क्यों की ? ईश्वर ने संसार की रचना की, और मनुष्य ने अपने विचार और कर्मों से सुख और दुख की रचना की । क्या ईश्वर है ? कौन है वह ? क्या रूप है उसका ? क्या वह स्त्री है या पुरुष ? हे यक्ष !! कारण के बिना कार्य नहीं !! यह संसार उस कारण के अस्तित्व का प्रमाण है तुम हो इसलिए वो भी है उस महान कारण...
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Daily Current Affairs
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बात 1965 की है जब एक तरफ तो भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध चल रहा था, तो दूसरी तरफ चीन ने सिक्किम की सीमा पर सेना को बढ़ा दिया । उस समय सिक्किम की कमान लेफ्टिनेंट जनरल सगत सिंह के हाथ में थी। तब चीन की तरफ से एक अजीबोगरीब हरकत कि गई। चीन ने अपनी सीमा पर भोंपू लगवा दिए। जिससे चीन के सैनिक दिन भर अपना प्रोपेगेंडा चलाते थे । भारतीयों को बताते थे कि किस प्रकार उन्हें 1962 में हराया था । भारतीय सैनिकों के कम वेतन और रहन सहन के बुरे हालातों के बारे बताया जाता था ।साथ ही उन्हें यह भी बताते थे कि देखो हमारे हालत तुमसे कितने अच्छे हैं । यह सब चीन की सेना इसलिए करती थी ताकि भारतीय सैनिकों का मनोबल गिराया जा सके और बिना लड़े ही युद्ध जीता जा सके । इसे कहते हैं मनोवैज्ञानिक युद्ध या साइकॉजिकल वारफेयर । जब सगत सिंह ने यह देखा तो उन्हें लगा कि यह तो वास्तविक युद्ध से भी घातक हो सकता है इसलिए उन्होंने चीन कि इस चाल का तोड़ निकालते हुए आदेश दिए की भारत के द्वारा भी ऐसे ही भोंपू लगाए जाए और चीनियों को जवाब उनकी भाषा में ही दिया जाए । इसका परिणाम यह हुआ कि 1967 में जब वास्तविक लड़ाई नाथू ला में हु...
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ऑपरेशन ल्हासा !! लेफ्टिनेंट जनरल सगत सिंह 1967 में नाथू ला के दर्रे पर चीन को पछाड़ चुके थे । अब वो एक वॉर हीरो बन चुके थे । उस समय वे डिविजनल कमांडर के पद पर थे । एक दिन वे सिग्नलस रेजिमेंट का वार्षिक निरीक्षण करने गए । जब सैनिकों को पता लगा की उन्हें उनका खोया सम्मान पुनः दिलाने वाला जनरल आ रहा है तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था । सगत सिंह एक लाइन स्टोर का निरीक्षण कर रहे थे तभी उनकी नजर दीवार पर बड़े अक्षरों में लिखे 'ऑपरेशन ल्हासा' पर पड़ी । सगत सिंह को कुछ समझ नहीं आया कि इसका क्या अर्थ है उन्होंने वहां खड़े कमांडिंग ऑफिसर से पूछा कि ये क्या है ? कमांडिंग ऑफिसर के लिए भी ये एक पहेली थी !! तब उन्होंने वहां खड़े सैनिक की तरफ पूछते हुए इशारा किया । सैनिक ने सगत सिंह को जवाब दिया की साहब जब हम तिब्बत की राजधानी ल्हासा पर अधिकार करेंगे तब उस ऑपरेशन का नाम 'ऑपरेशन ल्हासा' रखेंगे । सगत सिंह यह सुन कर जोर से हंसे और सैनिक की पीठ थपथपाते हुए कहा कि "मैं मेरे हर सैनिक में यही आत्मविश्वास चाहता हूं।" कमांडिंग ऑफिसर को कहा कि आपकी यूनिट का निरीक्ष...
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महत्वपूर्ण करंट टॉपिक 2020 UPSC/RPSC सभी भर्ती परीक्षाओं में बहुत ही महत्वपूर्ण 29 May 2020 current GK || gumnchoudhary36.blogspot.com CIPET:-CIPET का नाम बदलकर सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी रखा गया है -CIPET एकेडमिक्स , स्किलिंग , टेक्नोलॉजी सपोर्ट और रिसर्च पर फोकस के साथ पूरे पेट्रोकेमिकल सेक्टर की ग्रोथ को सपोर्ट करेगा। - केंद्र को रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत एक प्रमुख राष्ट्रीय संस्थान , सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी ( CIPET), का नाम बदलकर सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी ( CIPET) कर दिया गया है। केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने घोषणा की। मुख्य विशेषताएं: -Soc नाम परिवर्तन तमिलनाडु सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1975,...
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सामान्य ज्ञान टेस्ट पेपर 1. निम्नलिखित में से 'मत्स्य संघ' की राजधानी कौन-सी थी? अलवर भरतपुर धौलपुर करौली 2. अरावली पर्वत शृंखला संरचनात्मक दृष्टि से किस क्रम से सम्बन्धित है? धारवाड़ क्रम रायलो क्रम दक्षिणी प्रायद्वीपीय क्रम देहली क्रम 3. राजस्थान में 'जीवन धारा योजना' का सम्बन्ध किससे है? गरीबों के लिए बीमा योजना सिंचाई के लिये कुओं का निर्माण ग्रामीण ग़रीबों को बिजली उपलब्ध करवाना चिकित्सा सहायता उपलब्ध करना 4. राजस्थान में मिट्टियों के सम्बन्ध में कौन-सा कथन असत्य है? थार मरुस्थल में ग्रेनाइट और बालूका पत्थर युक्त चट्टानों से बलुई मिट्टी का निर्माण हुआ है। दक्षिणी भाग में ग्रेनाइट, नीस और क्वार्ट्जाइट चट्टानों से लाल दोमट मिट्टी का निर्माण हुआ है। दक्षिणी भाग में काली मिट्टी का निर्माण डेकन ट्रेप के बेसाल्ट लावा के क्षरण से हुआ है। राजस्थान में लाल मिट्टी का निर्माण फ़ॉस्फ़ेट युक्त चट्टानों के क्षरण से हुआ है। 5. राजस्थान ...
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Daily current affairs 2020- 29/05/2020 वन धन योजना पर वेबिनर का आयोजन -26 मई 2020 आयोजन -श्रखला –वन धन योजना लर्निंग फॉर पोस्ट covind-19 -भारत सरकार के सहयोग से ये जनजातीय मामलो के मंत्रालय आयोजित करवाया -इस ट्राईफेड के प्रबधक निदेशक –प्रवीन कृष्ण SKIMS में सक्रामक रोगों ब्लोंक का उद्घाटन -25 मई 2020 को हुआ -यह अपनी अनन्त रोगी देखभाल सेवाओं को और मजबूत करेगा | GDP वृद्धि लॉकडावन से कम हुई -तालाबंदी के कारण आर्थिक गतिविधिया ठप होने के कारण भारत की अर्थव्यवस्था का पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में 1.2% तक कम होने का अनुमान है | -SBI इकोवैध रिपोर्ट -2020 के लिए GDP 4.2% और वर्ष 2021 के लिए (-)6.8% रहने की सम्भावना है | -चौथी तिमाही की घोषणा -29 May 2020 हाल ही में EU ने 750 बिलियन यूरो रिकवरी फंड का प्रस्ताव रखा (750 बिलियन यूरो = 850 बिलियन डॉलर ) -उद्देश्य –कोरोना वायरस महामारी की वजह से हुई गहरी मंदी से ब्लॉक की अर्थव्यवस्था को मदद मिल सके | -यह कदम -27 राष्ट्र व्यापर ...
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सोनू सूद हर मजदूर भाई को परिवार से मिलाने की तैयारी में जूट गया है , शेयर किया कॉन्टैक्ट नंबर अभिनेता सोनू सूद लॉकडाउन में विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने में लगातार मदद कर रहे हैं। सोनू का ये काम वाकई में काबिलियत तारीफ है | अब सोनू ने घर पहुंचने की उम्मीद को लेकर परेशान हो रहे हर मजदूर के लिए अपने कॉन्टैक्ट डिटेल्स सोशल मीडिया पर साझा किए हैं। फ़िल्मी स्टार अभिनेता सोनूसूद पिछले कुछ दिनों से लगातार बेहद चर्चा में बने हुए हैं। कोरोना वायरस महामारी के कारण हुए लॉकडाउन में सोनू महाराष्ट्र और विशेष तो मुंबई में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए जिस प्रकार भगवन श्रीं राम के भाई लक्षमण के लिए हनुमान जी जडीबुटी लेकर आये थे उसी प्रकार उसी प्रकार आज अभिनेता सोनू सूद प्रवासी मजदूरो के लिए हनुमान बनकर सामने आए हैं। वह भारत के अलग-अलग राज्यों के रहने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए खाने पिने के साथ बसों के जरिए उनके घर तक पहुंचाने का इंतजाम कर रहे हैं। सोनू लगातार सोशल मीडिया की सुर्खियों में एवम ऐक्टिव हैं और उन...